टॉपिक 5 - भारत में विदेशी यात्री (10वीं से 17वीं शताब्दी तक )
इस सीरीज में हम NCERT के पाठ्यक्र्म पर आधरित TOPICWISE सवाल - जवाबों का अध्ययन करेंगे।
वर्तमान सीरीज HSSC के नए ट्रेंड के अनुसार DESIGN की जाएगी। इस सीरीज में NCERT के SYLLABUS में से व HSSC सवाल पूछने के बदले हुए TREND के अनुसार सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी।
कुछ महत्वपुर्ण बिंदु :-
1. 10वीं सदी से 17वीं सदी तक तीन प्रमुख यात्री भारत आये थे -
यात्री आगमन जन्मस्थान लिखित ग्रंथ ग्रंथ की भाषा
i . अल - बिरूनी 11वीं सदी (ख्वारिज्म)उज्बेकिस्तान किताब-उल-हिन्द अरबी
ii. इब्न-बत्तूता 14वीं सदी (मोरक्को)अफ्रीका रिहला अरबी
iii. फ्रांस्वा बर्नियर 17वीं सदी फ्रांस ट्रेवल्स इन द मुग़ल एम्पायर फ्रेंच
2. अल-बिरूनी को भारत में अनेक अवरोधों का सामना करना पड़ा जैसे संस्कृत भाषा से वह परिचित नहीं था, धार्मिक अवस्था और प्रथा में भिन्नता, तथा अभिमान।
3. अल-बिरूनी का जन्म 973ई. में आधुनिक उज्बेकिस्तान में हुआ था। वह कई भाषाओं का ज्ञाता था जिनमें सीरियाई, फ़ारसी, हिब्रू, और संस्कृत भाषा शामिल है।
4. 1017ई. में सुल्तान महमूद, अल-बिरूनी को अपने साथ गजनी ले गया।
5. अल-बिरूनी की पुस्तक किताब-उल-हिन्द 80 अधयायों में विभाजित है। प्रत्येक अधयाय एक प्रश्न से सुरु होता है।
6. अल-बिरूनी का प्रमुख वर्णन जाती व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन है। उसने फ़ारस की जाती व्यवस्था व भारत की वर्ण व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया।
7. इब्नबतूता 1333ई. में सिंध पहुँचा। वह दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद-बिन-तुगलक के समय में भारत आया।
8. इब्नबतूता के विवरण के अनुसार उस काल में सुरक्षा व्यवस्था समुचित नहीं थी।
9. इब्नबतूता ने भारतीय शहरों का जीवंत विवरण दिया है जैसे - भीड़-भाड़ वाली सड़कें, चमक-दमक वाले बाज़ार, बाज़ार आर्थिक गतिविधि के केंद्र, डाक व्यवस्था, दिल्ली एवं दौलताबाद, पान और नारियल ने इब्नबतूता को आश्चर्य चकित किया। उसने दास-दासियों के विषय में भी लिखा है।
10. बर्नियर के अनुसार भारत में निजी भू-स्वामित्व का अभाव था जिससे बेहतर भूधारक वर्ग का उदय न सका। बर्नियर के अनुसार भारत में मध्यम वर्ग के लोग नहीं थे। बर्नियर ने सती प्रथा का विस्तृत वर्णन किया है।
11. फ्रांस्वा बर्नियर एक चिकित्सक, राजनीतिज्ञ, दार्शनिक तथा एक इतिहासकार भी था। वह 1656ई. में भारत आया तथा शाहजहाँ के पुत्र दारा शिकोह के चिकित्सक के रूप में मुग़ल दरबार में रहा।
12. बर्नियर ने पूर्व और पश्चिम की तुलना की। बर्नियर ने मुगलकालीन शहरों को शिविर नगर बताया जो राजकीय दरबार के आगमन साथ अस्तित्व में आते और दरबार के चले जाने बाद पत्नोमुख हो जाते।
13. बर्नियर के विवरणों ने 18वीं-19वीं शताब्दी के पश्चिमी विचारको को प्रभावित किया यथा मोंटेस्कयू एवं कार्ल मार्क्स।मोंटेस्कयू ने बर्नियर के वर्तांत का प्रयोग प्राच्य निरंकुशवाद के सिद्धांत को विकसित करने में किया था।
14. बर्नियर ने पश्चिम को पूर्व से बेहतर दर्शाने के लिए भारतीय कुरीति सती प्रथा को एक महत्वपुर्ण संकेतक के रूप में प्रयोग किया।
QUIZ:-
1. 17वीं शताब्दी में निम्न में से कौन-सा यूरोपीय यात्री भारत आया था ?
2. रिहला के अनुसार उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा शहर था ?
3.10वीं से 17वीं सदी के बीच लोग किन उद्देश्यों से प्रेरित होकर यात्राएं करते थे -
4. बर्नियर का विवरण उपमहाद्वीप की कौन-सी जटिल सामाजिक सच्चाई की ओर इशारा करता है ?
5. अल-बिरूनी की कृति किताब-उल-हिन्द के सम्बन्ध में कौन-सा कथन असत्य है -
6. इब्नबतूता के सम्बन्ध में कौन-सा कथन सत्य है -
7. फ्रांस्वा बर्नियर के सम्बन्ध में कौन-सा कथन असत्य है -
8. अश्व डाक व्यवस्था को क्या कहा जाता था ?
9. पैदल डाक व्यवस्था को क्या कहा जाता था ?
10. किसने अपने वर्तांत में अपवित्रता की मान्यता को अस्वीकार किया है ?
11. किसने अपने वर्तांत में कहा है कि भारत में राज्य ही भूमि का एकमात्र स्वामी है ?
12. उपमहाद्वीप में आने वाले किस यात्री को पान और नारियल ने आश्चर्य चकित किया है ?
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